कुंभ-2019 को एक अद्वितीय भव्यता का उत्सव बनाने आयोजन करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने मेला का सक्षम संचालन सुनिश्चित करते हुये अनेक उपाय किये हैं। अभूतपूर्व दीर्घास्थाई निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। फ्लाईओवरों और रेलवे अधोसेतुओं के निर्माण, शहर में 34 सड़कों का चौड़ीकरण और 32 मुख्य चौराहों का सौन्दर्यीकरण का व्रह्द्द निर्माण एवं उन्नयन कार्य प्रयागराज को कुंभ- 2019 के लिये तैयार करने हेतु कराये जा रहे कार्यों की कुछ प्रमुख झलकियाँ हैं।
सरकार के सभी विभागों के द्वारा विकास कार्य किये जा रहे हैं। इन कार्यां में रेलवे स्टेशनों का उन्नयन और सम्पूर्ण विश्व से आने वाले दर्शकों एवं तीर्थयात्रियों के आवागमन हेतु प्रयागराज में नवीन सिविल एयरपोर्ट का निर्माण प्रगति पर है। अग्रेतर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण प्रयागराज को प्रतापगढ़, रायबरेली एवं वाराणसी से सम्बद्ध करने वाले प्रमुख राजमार्गों का पुनर्निर्माण एवं उन्नयन कर रहा है। तीर्थयात्रियों को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक नौ वहन की सुविधा स्नान घाटों तक पहुंचने के लिये भारतीय नौ अंतर्देशीय वहन प्राधिकरण द्वारा 5 जेटीज का निर्माण कर उपलब्ध कराई जायेगी।
116 सड़कों का निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। लगभग 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में 84 पार्किंग स्थलों का निर्माण संगम से अल्प दूरी पर किया जा रहा है। 524 से अधिक शटल बसें एवं बहुसंख्या में सी0एन0जी0 आटो यात्रीगण को आने ले जाने के लिये चलाये जाने हैं। अब तक 41 पार्किंग स्थलों की पहचान कर ली गयी है, जिसमें से 18 को परिकस्बों के रूप में विकसित किया गया है। लगभग 54 ठहराव क्षेत्रों का विकास शहर में विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है जिसका उपयोग शहर में यात्रियों के द्वारा प्रतीक्षा व विश्राम हेतु किया जायेगा।
व्यवस्थित एवं सहज यातायात हेतु मेला क्षेत्र, शहर एवं आवागमन के क्षेत्रों में डिजिटल संकेतन की व्यवस्था किये जाने की योजना बनायी गयी है। स्वच्छता एवं स्वास्थ्यप्रद सफाई बनाये रखने हेतु 1.22 लाख से अधिक शौचालयों को स्थापित किये जाने की योजना है और सेप्टिक प्रबंधनों हेतु आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। कचरा एकत्र करने हेतु कुल 20000 डस्टबिन लगाये जायेंगे और कचरे के मेला क्षेत्र से बाहर परिवहन हेतु 120 टिप्पर्स एवं 40 कॉम्पैक्टर्स लगाये जायेंगे।
दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ का वास्तविक अनुभव कराने के लिये मेला क्षेत्र को 40 हजार से अधिक एल0ई0डी0 बल्बों से प्रकाशित किया जायेगा। पर्यटकों की सुविधा हेतु पी0पी0पी0 माडल पर 4200 प्रीमियम टेंटों का एक शहर स्थापित किया जा रहा है, जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केन्द्र होगा। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिय प्रत्येक सेक्टर में पंड़ाल स्थापित किये जायेंगे। वृहद पैमाने पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिये गंगा पंडाल स्थापित किया जा रहा है। मेला क्षेत्र में सभागारों का निर्माण किया जा रहा है। कुंभ मेला के नवोन्मेषी नूतन आकर्षणों में परिचायक प्रवेशद्वार, लेजर शो, ‘पेंट माई सिटी’ अभियान और हेलीटूरिज्म हैं।
कुंभ- 2019 की यातायात व्यवस्था तीर्थयात्रियों की सुविधाओं में वृद्धि करने हेतु नियोजित की गयी है। आगुंतको को सुविधा प्रदान करने के लिये दूरसंचार सेवायें, बैंकिंग सेवायें और वाटर ए0टी0एम0 सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में नियोजित किये जा रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा का प्रबंध करने के लिये समेकित समादेश एवं नियंत्रण केन्द्र जो आधुनिक तकनीक से सज्जित हैं, नियोजित किये जा रहे हैं। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में बेहतर निगरानी और जोखिमों, जिससे भारी आपदा हो सकती है, में कमी लाये जाने हेतु 1000 सी0सी0टी0वी0 कैमरे स्थापित किये जायेंगे।
कुम्भ के आयोजनों में पेशवाई का महत्वपूर्ण स्थान है। ‘‘पेशवाई’’ प्रवेशाई का देशज शब्द है जिसका अर्थ है शोभायात्रा जो विश्व भर से आने वाले लोगों का स्वागत कर कुम्भ मेले के आयोजन को सूचित करने के निमित्त निकाली जाती है। पेशवाई में साधु-सन्त अपनी टोलियों के साथ बड़े धूम-धाम से प्रदर्शन करते हुए कुम्भ में पहुँचते हैं। हाथी, घोड़ों, बग्घी, बैण्ड आदि के साथ निकलने वाली पेशवाई के स्वागत एवं दर्शन हेतु पेशवाई मार्ग के दोनों ओर भारी संख्या में श्रद्धालु एवं सेवादार खडे़ रहते हैं जो शोभायात्रा के ऊपर पुष्प वर्षा एवं नियत स्थलों पर माल्यापर्ण कर अखाड़ों का स्वागत करते हैं। अखाड़ों की पेशवाई एवं उनके स्वागत व दर्शन को खड़ी अपार भीड़ पूरे माहौल को रोमांच से भर देती है।
पेशवाई का मार्ग, तिथि, समय एवं दल में सदस्यों की अनुमानित संख्या पूर्व निर्धारित होती है, जिससे मेला प्रशासन एवं अन्य सेवा दल आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कर सके।
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार एवं भारत सरकार ने भारत की समृद्ध व विभिधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत का निदर्शन कराने हेतु सभी राज्यों के संस्कृति विभागों को गतिशील किया है। कुंभ मेला, 2019 में पांच विशाल सांस्कृतिक पंडाल स्थापित किये जायेंगे। जिनमें जनवरी, 2019 में एवं आगे दैनिक आधार पर सांगीतिक प्रस्तुति से लेकर पारंपरिक एवं लोक नृत्य के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जायेगी। पंडालों के वर्गीकरण में गंगा पंडाल सभी पण्डालों से अधिक वृहदाकार होगा जिसमें सभी बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकेंगा। प्रवचन पण्डाल और 4 सम्मेलन केन्द्र जो उच्चतम गुणवत्ता की सुविधायें यथा मंच, प्रकाश और ध्वनि प्रसारण तंत्र के साथ आयोजन हेतु स्थापित किये जाने हैं जिसमें अखाड़ों की सहायता से विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकेगा। संस्कृतिक कार्यक्रमों एवं प्रस्तुतियों की समय सारिणी व कैलेण्डर हेतु इस वेबस्पेस पर नजर रखें।
उत्तर प्रदेश सरकार अपने वर्तमान सुनियोजित पर्यटक भ्रमण पथों में नवसुधार करेगी तथा इलाहाबाद आने वाले सम्भावित पर्यटकों के लिए नवीन पथ भी आरम्भ करेगी। टूर आपरेटरो द्वारा प्रदत्त सेवा की गुणवत्ता में उन्नयन हेतु पर्यटन विभाग द्वारा संवेदनशीलता तथा विकास विषयक कार्यशालायें आयोजित की जायेगी।
पर्यटक-भ्रमण-पथों का विवरण इलाहाबाद पर्यटन की बेवसाइट पर उपलब्ध होगी। इन पथो का संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है :
यात्रा का आरंभ बिन्दु: शंकर विमान मण्डपम।
पहला पड़ाव: बड़े हनुमान जी का मंदिर।
दूसरा पड़ाव: पतालपुरी मंदिर।
तीसरा पड़ाव: अक्षयवट।
चौथा पड़ाव: इलाहाबाद फोर्ट।
भ्रमण का अंतिम बिन्दु: रामघाट (भ्रमण रामघाट पर समाप्त होगा)
जल परिवहन प्राचीन काल से नदियों, झीलों व समुद्र के माध्यम से मानव सभ्यता की सेवा करता आ रहा है। जल पर्यटन सदैव समस्त पर्यटन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और सदैव अन्य की अपेक्षा इसके विकास को वरीयता दी गयी है। कुम्भ 2019 के पावन पर्व पर भारतीय अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण यमुना नदी पर संगम घाट के निकट फेरी सेवाओं का संचालन कर रहा है। इस सेवा के लिए जल मार्ग सुजावन घाट से शुरू होकर रेल सेतु (नैनी की ओर) के नीचे से वोट क्लब घाट व सरस्वती घाट से होता हुआ किला घाट में समाप्त होगा। इस 20 किमी0 लम्बे जल मार्ग पर अनेक टर्मिनल बनाये जायेंगे और बेहतर तीर्थयात्री अनुभवों के लिए मेला प्राधिकरण नौकायें व बोट उपलब्ध करायेगा।
कुम्भ मेला-2019 में भारी संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों, धार्मिक गुरूओं तथा राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटको के अनुभवों को बेहतर बनाने की चेष्टा में उत्तर प्रदेश सरकार लेजर प्रकाश एवं ध्वनि प्रदर्शन हेतु प्रावधान कर रही है, यह प्रदर्शन किले की दीवार पर दिसम्बर 2018 से संचालित किया जायेगा।
लेजर प्रकाश एवं ध्वनि प्रदर्शन के समय सारणी हेतु इस वेज स्पेस पर नजर रखें।
इतिहास में पहली बार कुम्भ मेला-2019 बीस से अधिक परिचायक अस्थायी प्रवेशद्वारों का साक्षी होगा जो कि मेला प्रांगण की ओर जा रहे मार्गों को तथा मेले के विभिन्न सेक्टरों को चिन्हित करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह अभिनव उपाय कुम्भ मेले के सौदर्यात्मक महत्व को बढ़ाने हेतु इन अस्थायी परिचायक प्रवेशद्वारों की डिजाइन तैयार कर रचना की गयी है जो कि रणनीतिक दृष्टिकोण से स्थापित किये जायेगे। प्रत्येक प्रवेशद्वार की स्थानीय संदर्भो से जुड़ी सामाजिक धार्मिक कारको, संस्कृति एवं परंपरा, स्थानीय निर्माण पद्धतियों एवं सबसे महत्वपूर्ण व्यवहारिकता और पुनर्प्रयोज्यता प्रेरित अपनी पहचान होगी।
सम्पर्क सूत्र
त्रिवेणी भवन, बेनीबांध-दारागंज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
+91 532 2500775 / +91 532 2504011