चित्रगुप्त चालीसा

चित्रगुप्त चालीसा

Posted By Admin on Thursday July 28 2022 103
Bhakti Sagar » Shri Chitragupta Ji Maharaj


भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज का चालीसा इस प्रकार है:

दोहा

सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश।

ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश ।।

करो कृपा करिवर वदन, जो सरशुती सहाय।

चित्रगुप्त जस विमलयश, वंदन गुरूपद लाय ।।

चै0-:

जय चित्रगुप्त ज्ञान रत्नाकर । जय यमेश दिगंत उजागर ।।

अज सहाय अवतरेउ गुसांई । कीन्हेउ काज ब्रम्ह कीनाई ।।

श्रृष्टि सृजनहित अजमन जांचा। भांति-भांति के जीवन राचा ।।

अज की रचना मानव संदर । मानव मति अज होइ निरूत्तर ।।

भए प्रकट चित्रगुप्त सहाई । धर्माधर्म गुण ज्ञान कराई ।।

राचेउ धरम धरम जग मांही । धर्म अवतार लेत तुम पांही ।।

अहम विवेकइ तुमहि विधाता । निज सत्ता पा करहिं कुघाता।।

श्रष्टि संतुलन के तुम स्वामी । त्रय देवन कर शक्ति समानी ।।

पाप मृत्यु जग में तुम लाए। भयका भूत सकल जग छाए ।।

महाकाल के तुम हो साक्षी । ब्रम्हउ मरन न जान मीनाक्षी ।।

धर्म कृष्ण तुम जग उपजायो । कर्म क्षेत्र गुण ज्ञान करायो ।।

राम धर्म हित जग पगु धारे । मानवगुण सदगुण अति प्यारे ।।

विष्णु चक्र पर तुमहि विराजें । पालन धर्म करम शुचि साजे ।।

महादेव के तुम त्रय लोचन । प्रेरकशिव अस ताण्डव नर्तन ।।

सावित्री पर कृपा निराली । विद्यानिधि माँ सब जग आली।।

रमा भाल पर कर अति दाया। श्रीनिधि अगम अकूत अगाया ।।

ऊमा विच शक्ति शुचि राच्यो। जाकेबिन शिव शव जग बाच्यो ।।

गुरू बृहस्पति सुर पति नाथा। जाके कर्म गहइ तव हाथा ।।

रावण कंस सकल मतवारे । तव प्रताप सब सरग सिधारे ।।

प्रथम् पूज्य गणपति महदेवा । सोउ करत तुम्हारी सेवा ।।

रिद्धि सिद्धि पाय द्वैनारी । विघ्न हरण शुभ काज संवारी ।।

व्यास चहइ रच वेद पुराना। गणपति लिपिबध हितमन ठाना।।

पोथी मसि शुचि लेखनी दीन्हा। असवर देय जगत कृत कीन्हा।।

लेखनि मसि सह कागद कोरा। तव प्रताप अजु जगत मझोरा।।

विद्या विनय पराक्रम भारी। तुम आधार जगत आभारी।।

द्वादस पूत जगत अस लाए। राशी चक्र आधार सुहाए ।।

जस पूता तस राशि रचाना । ज्योतिष केतुम जनक महाना ।।

तिथी लगन होरा दिग्दर्शन । चारि अष्ट चित्रांश सुदर्शन ।।

राशी नखत जो जातक धारे । धरम करम फल तुमहि अधारे।।

राम कृष्ण गुरूवर गृह जाई । प्रथम गुरू महिमा गुण गाई ।।

श्री गणेश तव बंदन कीना । कर्म अकर्म तुमहि आधीना।।

देववृत जप तप वृत कीन्हा । इच्छा मृत्यु परम वर दीन्हा ।।

धर्महीन सौदास कुराजा । तप तुम्हार बैकुण्ठ विराजा ।।

हरि पद दीन्ह धर्म हरि नामा । कायथ परिजन परम पितामा।।

शुर शुयशमा बन जामाता । क्षत्रिय विप्र सकल आदाता ।।

जय जय चित्रगुप्त गुसांई। गुरूवर गुरू पद पाय सहाई ।।

जो शत पाठ करइ चालीसा। जन्ममरण दुःख कटइ कलेसा।।

विनय करैं कुलदीप शुवेशा। राख पिता सम नेह हमेशा ।।

दोहा

ज्ञान कलम, मसि सरस्वती, अंबर है मसिपात्र।

कालचक्र की पुस्तिका, सदा रखे दंडास्त्र।।

पाप पुन्य लेखा करन, धार्यो चित्र स्वरूप।

श्रृष्टिसंतुलन स्वामीसदा, सरग नरक कर भूप।।

।। इति श्री चित्रगुप्त चालीसा समाप्त।।

Related Posts

Popular Posts

harsu brahma temple, Bhabhua Bihar

harsu brahma temple, Bhabhua Bihar

SRI CHITRAGUPTA TEMPLE, HUPPUGUDA, HYDERABAD-PARIHARA TEMPLE FOR KETU DOSHA

SRI CHITRAGUPTA TEMPLE, HUPPUGUDA, HYDERABAD-PARIHARA TEMPLE FOR KETU DOSHA

KAYASTHA SURNAMES

KAYASTHA SURNAMES

श्री चित्रगुप्त भगवान वंशावली

श्री चित्रगुप्त भगवान वंशावली

श्री चित्रगुप्त भगवान परिवार

श्री चित्रगुप्त भगवान परिवार

FAMILY OF SHEE CHITRAGUPTA JI

FAMILY OF SHEE CHITRAGUPTA JI

सूर्य देव के 108 नाम- Surya Bhagwan Ji Ke Naam

सूर्य देव के 108 नाम- Surya Bhagwan Ji Ke Naam

Kayastha culture

Kayastha culture

श्री सूर्य देव चालीसा

श्री सूर्य देव चालीसा

Powerful Mantras - मंत्रो की शक्ति

Powerful Mantras - मंत्रो की शक्ति

Beautiful idol of Maa Durga

Beautiful idol of Maa Durga

Happy Holi : IMAGES, GIF, ANIMATED GIF, WALLPAPER, STICKER FOR WHATSAPP & FACEBOOK

Happy Holi : IMAGES, GIF, ANIMATED GIF, WALLPAPER, STICKER FOR WHATSAPP & FACEBOOK

कायस्थानांसमुत्पत्ति (Kayasthanamsamutpatti) - Kayastha Utpatti with Hindi

कायस्थानांसमुत्पत्ति (Kayasthanamsamutpatti) - Kayastha Utpatti with Hindi

Hindu Calendar 2024 Festvial List

Hindu Calendar 2024 Festvial List

Kaithi script

Kaithi script

SHREE VISHNU SAHASRANAMAVALI  ।। श्री विष्णुसहस्त्रनामावलिः ।।

SHREE VISHNU SAHASRANAMAVALI ।। श्री विष्णुसहस्त्रनामावलिः ।।

Navratri Vrat Katha : नवरात्रि व्रत कथा

Navratri Vrat Katha : नवरात्रि व्रत कथा

कायस्थ समाज एवं नागपंचमी

कायस्थ समाज एवं नागपंचमी

देवीमाहात्म्यम्  या दुर्गा सप्तशती (मार्कण्डेय पुराण)

देवीमाहात्म्यम् या दुर्गा सप्तशती (मार्कण्डेय पुराण)

Sunderkand Paath in hindi- सुन्दर  कांड-  जय श्री राम

Sunderkand Paath in hindi- सुन्दर कांड- जय श्री राम