ॐ कृष्णाय नमः
“Om Krishnaya Namah”
Meaning : ‘Accept my salutations, Oh Sri Krishna.’’
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
“Hare Krishna, Hare Krishna, Krishna Krishna, Hare Hare
Hare Rama, Hare Rama, Rama Rama, Hare Hare”
It is a 16-word Vaishnava mantra, the most famous mantra of Lord Krishna, which first appeared in the Kali-Santarana Upanishad
Meaning : Ode to Sri Krishna and Lord Rama who are both two bodies but one being, as they are the incarnation of Sri Hari Vishnu.
ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
“Om Sri Krishnah sharanam mamah”
Meaning : ‘To the beloved Lord Krishna I pray to take me under your shelter, I surrender to you Oh lord.’
“ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि
तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”
“Aum Devkinandanaye Vidmahe
Vasudevaye Dhi-Mahi
Tanno Krishna Prachodayat”
Meaning : ‘Lord Krishna is constantly governing the thoughts of ascetics (yogis) in meditation. The divine Krishna is limitless and not even Gods or demons can define the limit of Sri Krishna. To such a supreme deity I offer my salutations. Accept my regards Oh lord.’
ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।
सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
भगवान श्रीकृष्ण का अमूल्य मंत्र है जो सब प्रकार के रोग,कष्ट, संकट और दरिद्रता को दूर करने में मदद करता है | जीवन में आने वाली सब प्रकार की मुश्किलें दूर करने में भी यह मंत्र बहुत काम करता है |
‘ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय’
भगवान श्रीकृष्ण के इस मंत्र का निरंतर जाप करने से भक्त को सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है | इस मंत्र को आप सुख समृद्धि के लिए अपने जीवन का मूल मंत्र बना लीजिये |
कृं कृष्णाय नमः
इस मंत्र का जाप करने से अटके हुए धन तो उसकी प्राप्ति हो सकती है | इस मंत्र के जाप से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है |
हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन।
आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन।।
इस मंत्र के जाप से भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्ति होती है | जीवन में अचानक कोई कठिन समय या मुश्किल आ जाए तो इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जाप करने से लाभ मिलता है | मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा और शुद्ध ह्रदय से किया जाना चाहिए |
“ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा”
इस मंत्र का जाप 5 लाख बार करना चाहिए | यह साधारण मंत्र नहीं है बल्कि श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है | अन्य मंत्र का जाप मान्यताओं के अनुसार 108 बार या 1008 बार जाप करने से ही सिद्ध हो जाते हैं परन्तु इस महामंत्र का पांच लाख जाप करने से ही सिद्ध हो पाता है और यह अनिवार्य है.