रामायण – EP 25 – जनक-वशिष्ठादि, राम-भरत-संवाद | पादुका प्रदान | भरत की बिदाई ।
रामायण के पच्चीसवें एपिसोड में जनक-वशिष्ठादि, राम-भरत-संवाद, पादुका प्रदान और भरत की बिदाई की कहानी दिखाई गई है।
जनक-वशिष्ठादि संवाद
इस एपिसोड में, जनक और वशिष्ठ ऋषि राम और भरत के बीच के संवाद को देखते हैं और उन्हें समझाते हैं कि राम का वनवास और भरत का राज्याभिषेक दोनों ही आवश्यक हैं।
राम-भरत संवाद
इस एपिसोड में, राम और भरत के बीच एक भावनात्मक संवाद होता है। भरत राम को समझाते हैं कि वह राज्याभिषेक के लिए तैयार होना चाहिए, लेकिन राम वनवास के अपने निर्णय पर अडिग रहते हैं।
पादुका प्रदान
इस एपिसोड में, राम भरत को अपनी पादुका प्रदान करते हैं और उन्हें राज्याभिषेक के लिए आशीर्वाद देते हैं। यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, जिसमें राम अपने भाई भरत को अपने अधिकार को सौंपते हैं।
भरत की बिदाई
इस एपिसोड में, भरत राम और सीता को अलविदा कहते हैं और अयोध्या लौटते हैं। भरत की बिदाई एक भावनात्मक क्षण है, जिसमें राम और भरत के बीच के प्रेम और सम्मान को दिखाया जाता है।
एपिसोड का महत्व
यह एपिसोड रामायण की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसमें जनक-वशिष्ठादि, राम-भरत-संवाद, पादुका प्रदान और भरत की बिदाई की कहानी दिखाई गई है। यह एपिसोड राम और भरत के बीच के प्रेम और सम्मान को दर्शाता है और उनके वनवास और राज्याभिषेक की कहानी को आगे बढ़ाता है।