रामायण – EP 43 – हनुमान्जी का लंका को प्रस्थान | सुरसा से भेंट | लंकिनी वध | लंका में प्रवेश |
रामायण के तैंतालीसवें एपिसोड में हनुमान्जी का लंका को प्रस्थान, सुरसा से भेंट, लंकिनी वध, लंका में प्रवेश और राम के वनवास की कहानी को आगे बढ़ाने की कहानी दिखाई गई है।
हनुमान्जी का लंका को प्रस्थान
इस एपिसोड में, हनुमान लंका की ओर प्रस्थान करता है। वह अपने बल और शक्ति का उपयोग करके समुद्र लाँघता है और लंका पहुंचता है।
सुरसा से भेंट
इस एपिसोड में, हनुमान सुरसा से मिलता है। सुरसा एक शक्तिशाली राक्षसी है, जो हनुमान को अपना रूप दिखाती है। हनुमान सुरसा को अपने छोटे रूप में दिखाता है और उसे चकमा देता है।
लंकिनी वध
इस एपिसोड में, हनुमान लंकिनी को मारता है। लंकिनी एक शक्तिशाली राक्षसी है, जो लंका की रक्षा करती है। हनुमान लंकिनी को पराजित कर देता है और लंका में प्रवेश करता है।
लंका में प्रवेश
इस एपिसोड में, हनुमान लंका में प्रवेश करता है। वह लंका की सुंदरता और समृद्धि को देखता है और सीता की खोज शुरू करता है।
अशोक वाटिका में सीता की खोज
इस एपिसोड में, हनुमान अशोक वाटिका में सीता की खोज करता है। वह सीता को ढूंढता है और उसे राम का संदेश देता है। सीता हनुमान को अपने पति के पास जाने के लिए कहती है और उसे अपने पति के साथ मिलने के लिए आश्वासन देती है।
एपिसोड का महत्व
यह एपिसोड रामायण की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसमें हनुमान्जी का लंका को प्रस्थान, सुरसा से भेंट, लंकिनी वध, लंका में प्रवेश और अशोक वाटिका में सीता की खोज की कहानी दिखाई गई है। यह एपिसोड राम के चरित्र को और गहराई से प्रकट करता है और उनके वनवास की कहानी को आगे बढ़ाता है।