रामायण – EP 32 – स्वर्णमृग रूप मारीच का मारा जाना |लक्ष्मण रेखा | सीताहरण | जटायु-रावण युद्ध
रामायण के बत्तीसवें एपिसोड में स्वर्णमृग रूप मारीच का मारा जाना, लक्ष्मण रेखा, सीताहरण और जटायु-रावण युद्ध की कहानी दिखाई गई है।
स्वर्णमृग रूप मारीच का मारा जाना
इस एपिसोड में, मारीच स्वर्णमृग का रूप धारण करता है और सीता को मोहित करने का प्रयास करता है। सीता स्वर्णमृग को पकड़ने के लिए कहती है, लेकिन राम उसे रोकने का प्रयास करते हैं। मारीच को राम द्वारा मारा जाता है।
लक्ष्मण रेखा
इस एपिसोड में, लक्ष्मण सीता की रक्षा के लिए एक रेखा खींचते हैं और उसे कहते हैं कि वह उस रेखा के बाहर न जाए। सीता लक्ष्मण की बात मानती है, लेकिन रावण उसे मोहित करने का प्रयास करता है।
सीताहरण
इस एपिसोड में, रावण सीता का अपहरण करता है। वह सीता को अपने रथ में बैठाकर लंका ले जाता है। सीता रावण के साथ जाने से मना करती है, लेकिन रावण उसे मजबूर करता है।
जटायु-रावण युद्ध
इस एपिसोड में, जटायु रावण का पीछा करता है और उसे सीता को छोड़ने के लिए कहता है। रावण जटायु को लड़ने के लिए ललकारता है और दोनों के बीच एक भयंकर युद्ध होता है। जटायु रावण को पराजित करने का प्रयास करता है, लेकिन रावण उसे मार देता है।
एपिसोड का महत्व
यह एपिसोड रामायण की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसमें स्वर्णमृग रूप मारीच का मारा जाना, लक्ष्मण रेखा, सीताहरण और जटायु-रावण युद्ध की कहानी दिखाई गई है। यह एपिसोड राम के चरित्र को और गहराई से प्रकट करता है और उनके वनवास की कहानी को आगे बढ़ाता है।